किले में वो युवती पहुंच गई..लेकिन उस लड़के की तलाश और इंतकाम की आग उसमें भड़की हुई थी वो भी अपने पिता और चाचा के खिलाफ..जिन्होंने उसकी निर्ममता से हत्या कर दी थी..सुबह-सुबह जब मैं स्कूल के लिए निकलने ही वाला था कि मेरी लड़की भूतनी हवेली के बाहर मौजूद थी और उसके साथ एक और उसी के बराबर लड़की..मैं समझा नहीं आज ये किसे लेकर आ गई..जब मैंने पूछा तो मुस्कराने लगी..बोली आप मिल चुके हो..पहचाना नहीं..इतना कहना था कि मैंने अपने स्कूल बैग से डंडा निकाला और जैसे ही हवा में लहराया..अरे..ये तो वही युवती थी..जो कल मिली थी..वही गोरी-चिट्टी..खूबसूरत..साड़ी पहने हुए।
मैंने सुबह-सुबह उसे साथ लाने का मकसद पूछा तो बोली..ये किले में रुकने को तैयार नहीं..इसमें इंतकाम की आग भड़की हुई है और जब तक बदला नहीं ले लेगी..तब तक मानने को तैयार नहीं..दूसरे उस लड़के की तलाश है..जिसे ये चाहती थी...इसीलिए किले से निकलकर वो अपने गांव की ओर रुख कर रही है..और रास्ता यहीं से जाता है...हम लोग स्कूल की ओर चले और वो युवती अपने गांव की ओर..पंछी बनकर उड़ गई..मैं देख रहा था कि उस युवती की आंखों में किस तरह आग धधक रही है।
दोपहर बाद मैं स्कूल से लौट ही रहा था कि देखा अर्थी जा रही है और उसमें सैकड़ों लोग शामिल हैं...पूछने पर बताया कि ये बगल के गांव के प्रधान थे और एक दिन पहले ही इनकी जवान लड़की को किसी ने मार दिया था और आज सुबह ही इनकी हार्ट अटैक से मौत हो गई...हवेली के पास पहुंचा ही था कि वही युवती मिल गई...दुखी भी थी और खुश भी..दुखी इसलिए थी कि उसके हाथों पिता की मौत हुई..और खुशी इसलिए एक हत्यारे शख्स से उसने बदला ले लिया...मैंने पूछा कि लोग तो कह रहे हैं कि उनकी हार्ट अटैक से मौत हुई है..
असलियत क्या है तो उसने बताया कि आज मैं घर पहुंची और अपने उसी रूप में पिता के सामने आई..जब उन्होंने मुझे मारा था..एक बार दो बार..चार बार..बार-बार जब मैं उनके सामने ही मंडराने लगी तो उनके होश उड़ना ही थे..दिल को धक्का लगना ही था..और अब चाचा का भी यही हश्र होना है...अगले दिन उनकी भी अर्थी उठेगी...और वाकई अगले दिन चाचा का भी यही हाल हुआ..पूरे गांव में ये घटना का चर्चा का विषय बनी रहेगी कि कैसे एक ही परिवार के तीन लोग एक साथ स्वर्ग सिधार गए...इस युवती का बदला तो पूरा हो गया क्या वो युवक मिल पाएगा..जिसे वो प्यार करती थी..कहां गया वो लड़का..कैसे उसे तलाश पाएगी...क्या नया रहस्य सामने आएगा..कैसे मिलेगा उसे वो लड़का...कल का इंतजार करिए.......
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असलियत क्या है तो उसने बताया कि आज मैं घर पहुंची और अपने उसी रूप में पिता के सामने आई..जब उन्होंने मुझे मारा था..एक बार दो बार..चार बार..बार-बार जब मैं उनके सामने ही मंडराने लगी तो उनके होश उड़ना ही थे..दिल को धक्का लगना ही था..और अब चाचा का भी यही हश्र होना है...अगले दिन उनकी भी अर्थी उठेगी...और वाकई अगले दिन चाचा का भी यही हाल हुआ..पूरे गांव में ये घटना का चर्चा का विषय बनी रहेगी कि कैसे एक ही परिवार के तीन लोग एक साथ स्वर्ग सिधार गए...इस युवती का बदला तो पूरा हो गया क्या वो युवक मिल पाएगा..जिसे वो प्यार करती थी..कहां गया वो लड़का..कैसे उसे तलाश पाएगी...क्या नया रहस्य सामने आएगा..कैसे मिलेगा उसे वो लड़का...कल का इंतजार करिए.......
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