भूतों के सरदार के सामने पेशी हुई..दो जल्लाद उस प्रधान भूत के अगल-बगल में खड़े हुए थे...जल्लाद को ही कोई देख ले..तो सुध-बुध भूल जाए...भुजंग काला पहाड़ जैसा शरीर...लंबे-लंबे बाल..दांत बाहर निकले हुए....हाथ-पैर हाथी पांव जैसे...हाथ में तलवार लिए हुए है..अगर किसी शख्स को फूंक मार दे तो उड़ जाए..अगर दांत गड़ा दें..तो चाकू से गहरा घाव हो जाए...प्रधान के भूत को जंजीर में बांधकर पेश किया गया...
प्रधान का भूत जितना बदमाश था..आज भूतिया किले में उसकी हवा निकली हुई थी...हाथ-पैर सिकुड़ रहे थे..लग रहा था कि दया की भीख मांग रहा था...जल्लाद ने घसीटते हुए उसे सरदार के सामने डाल दिया..सरदार के पैरों के नीचे गिरा हुआ प्रधान का भूत को पहली बार एहसास हो रहा था कि ऊंट आज पहाड़ के नीचे आया था...उस महिला के भूत को बुलाया गया था..जिसे वो मरने के पहले से सता रहा था..भूत को मार तो सकते नहीं..क्योंकि जब तक उसका वक्त है..वो भूत बना रहेगा..इसलिए तरह-तरह की सजाएं भूतिया किले में तय की गईं थी....महिला से पूछा गया कि इसका क्या किया जाए...जब उसने कहा कि इसे सबसे जघन्य सजा दी जाए..तो उस प्रधान के भूत को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।
आजीवन कारावास की सजा का मतलब था..काल कोठरी में वो तब तक सड़ता रहेगा..जब तक कि उसका भूतिया काल है...उसे दोनों जल्लाद भूत पकड़ कर घसीटते हुए...काल कोठरी की ओर ले गए..पहली बार काल कोठरी का नजारा देखकर कोई भी डर जाए...चारों तरफ अंधेरा पसरा हुआ..कहीं-कहीं मशाल की रोशनी से कुछ-कुछ नजर आ रहा था..एक कोठरी में उसे ले जाया गया..जहां मोटी सलाखों का छोटा सा दरवाजा था..काल कोठरी में केवल अंधेरा....चारों तरफ से बंद..केवल छोटा से गेट से वो बाहर देख सकता था..दिन के उजाले में तो गनीमत है..अंधेरे में उसे कुछ भी नजर नहीं आएगा...उस काल कोठरी में तरह-तरह के कीड़े-मकोड़े भरे हुए..जिंदगी का असली नरक इस काल कोठरी में था....ऐसी कई काल कोठरियां उस भूतिया किले में बनी हुई थीं...
हैरानी की बात ये है कि उन काल कोठरियों में कई महिलाएं भी थीं..उनके भी भयानक कांड थे..मासूम लोगों को सताने..या फिर नेक दिल भूतों से साथ वारदात के चक्कर में वो भी नरक भोग रहे थे।
भूतों की जेल देखकर किसी का भी दिल दहल जाए...एक भूत उलटा लटका हुआ था..जल्लाद उसे कोड़े मार रहे थे...नीचे आग लगाकर रखी हुई थी..उसकी चीख से आसपास के सजायाफ्ता भूत भी बेहाल हो रहे थे...उसने किसी परिवार को जाकर परेशान किया था..केवल मजे लेने के लिए..गांव के ही एक परिवार के यहां जाकर सामान गायब कर देता था..कोई खाना खा रहा है तो उसका खाना गायब...कोई चश्मा पहने है तो उसका चेहरे से चश्मा नीचे गिरा देना..किसी ने गेट बंद किया तो उसके गेट की कुंडी खोल दी..दूसरों को सताने में उसे बड़ा मजा आता था..जब उसकी कारिस्तानी भूतों के सरदार को पता चली तो उसे पकड़कर लाया गया..और उसे आज की ही ये सजा सुनाई गई और आगे से ऐसा करने पर कड़ी सजा देने की चेतावनी दी गई है..
भूतों की इस जेल में एक और अपराधी है जो सबसे भयानक है..इसको कड़े पहरे में रखा गया है और इसे सबसे भयंकर सजा दी जा रही है..कौन है ये भयानक मुजरिम..उसका क्या गुनाह है जो भूतिया किले का सबसे खतरनाक अपराधी घोषित है...कल का इंतजार करिए......
इन्हें भी जरूर पढ़िए..for life-.amitabhshri.blogpot.com for fun- whatsappup.blogspot.com
प्रधान का भूत जितना बदमाश था..आज भूतिया किले में उसकी हवा निकली हुई थी...हाथ-पैर सिकुड़ रहे थे..लग रहा था कि दया की भीख मांग रहा था...जल्लाद ने घसीटते हुए उसे सरदार के सामने डाल दिया..सरदार के पैरों के नीचे गिरा हुआ प्रधान का भूत को पहली बार एहसास हो रहा था कि ऊंट आज पहाड़ के नीचे आया था...उस महिला के भूत को बुलाया गया था..जिसे वो मरने के पहले से सता रहा था..भूत को मार तो सकते नहीं..क्योंकि जब तक उसका वक्त है..वो भूत बना रहेगा..इसलिए तरह-तरह की सजाएं भूतिया किले में तय की गईं थी....महिला से पूछा गया कि इसका क्या किया जाए...जब उसने कहा कि इसे सबसे जघन्य सजा दी जाए..तो उस प्रधान के भूत को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।
आजीवन कारावास की सजा का मतलब था..काल कोठरी में वो तब तक सड़ता रहेगा..जब तक कि उसका भूतिया काल है...उसे दोनों जल्लाद भूत पकड़ कर घसीटते हुए...काल कोठरी की ओर ले गए..पहली बार काल कोठरी का नजारा देखकर कोई भी डर जाए...चारों तरफ अंधेरा पसरा हुआ..कहीं-कहीं मशाल की रोशनी से कुछ-कुछ नजर आ रहा था..एक कोठरी में उसे ले जाया गया..जहां मोटी सलाखों का छोटा सा दरवाजा था..काल कोठरी में केवल अंधेरा....चारों तरफ से बंद..केवल छोटा से गेट से वो बाहर देख सकता था..दिन के उजाले में तो गनीमत है..अंधेरे में उसे कुछ भी नजर नहीं आएगा...उस काल कोठरी में तरह-तरह के कीड़े-मकोड़े भरे हुए..जिंदगी का असली नरक इस काल कोठरी में था....ऐसी कई काल कोठरियां उस भूतिया किले में बनी हुई थीं...
हैरानी की बात ये है कि उन काल कोठरियों में कई महिलाएं भी थीं..उनके भी भयानक कांड थे..मासूम लोगों को सताने..या फिर नेक दिल भूतों से साथ वारदात के चक्कर में वो भी नरक भोग रहे थे।
भूतों की जेल देखकर किसी का भी दिल दहल जाए...एक भूत उलटा लटका हुआ था..जल्लाद उसे कोड़े मार रहे थे...नीचे आग लगाकर रखी हुई थी..उसकी चीख से आसपास के सजायाफ्ता भूत भी बेहाल हो रहे थे...उसने किसी परिवार को जाकर परेशान किया था..केवल मजे लेने के लिए..गांव के ही एक परिवार के यहां जाकर सामान गायब कर देता था..कोई खाना खा रहा है तो उसका खाना गायब...कोई चश्मा पहने है तो उसका चेहरे से चश्मा नीचे गिरा देना..किसी ने गेट बंद किया तो उसके गेट की कुंडी खोल दी..दूसरों को सताने में उसे बड़ा मजा आता था..जब उसकी कारिस्तानी भूतों के सरदार को पता चली तो उसे पकड़कर लाया गया..और उसे आज की ही ये सजा सुनाई गई और आगे से ऐसा करने पर कड़ी सजा देने की चेतावनी दी गई है..
भूतों की इस जेल में एक और अपराधी है जो सबसे भयानक है..इसको कड़े पहरे में रखा गया है और इसे सबसे भयंकर सजा दी जा रही है..कौन है ये भयानक मुजरिम..उसका क्या गुनाह है जो भूतिया किले का सबसे खतरनाक अपराधी घोषित है...कल का इंतजार करिए......
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