भूतों के किले में ये अपराधी सबसे सख्त सजा काट रहा है..दरअसल इसने वो किया जो कभी भूतों की दुनिया में किसी ने किया....सारे भूत इससे परेशान थे..फिर भी सहन कर रहे थे..कई बार भूतों के सरदार ने इसे समझाया..इसकी हरकतें इस कदर बढ़ गईं कि न केवल भूत बल्कि भूतों के सरदार को भी असहनीय हो गया। इसने भूतिया किले को ही तहस-नहस करने का प्लान बना डाला..
दरअसल ये गांव में जाकर किसी भी भले परिवार को तंग करता था..गनीमत यहां तक नहीं रही...एक परिवार के कई लोगों को इसे मौत के मुंह में पहुंचा दिया..यहां तक कि उनके मासूम बच्चों तक को नहीं छोड़ा..इसकी गलत नजर उसके परिवार पर थी..परिवार सहते-सहते जब हार थक गया तो उसने गांव के तांत्रिक की शरण ली..ये तांत्रिक भूतों का जानकार था और मंत्रों के जरिए भूत न केवल भगाता था बल्कि उन्हें पकड़ता भी था..वो ऐसे तंत्र-मंत्र का जानकार था...परिवार ने उस तांत्रिक को बुलाया..बाकायदा 24 घंटे तक तंत्र-मंत्र चला और आखिरकार इस भूत को उसने अपनी ताकत से वहां तक खींच लिया...इसके बाद उसे बोतल में बंद किया गया।
भूत से तांत्रिक पूछता जा रहा था और भूत सब कुछ उगलता जा रहा था..यहां तांत्रिक ने एक दांव खेला और उस भूत को लालच दिया..कि वो बाकी भूतों के अडडे को बताएगा तो उसे छोड़ देगा..मौका देखकर अपनी जान बचाने के लिए और भूतों के सरदार को दंड देने के लिए उसने भूतिया किले का सारा राज उगल दिया..तांत्रिक भी कम चालाक नहीं था..वह इस भूत को छोड़ना ही नहीं चाहता था बल्कि और भूतों को अपने कब्जे में लेने की फिराक में था..
उससे सारे राज जानने के बाद तांत्रिक ने कई और साथी तांत्रिकों को बुलाया और वो करने की ठानी जो कभी किसी तांत्रिक ने नहीं की थी..तांत्रिक खुद पूरे इलाके में अपनी धाक जमाने के चक्कर में था...पूरी योजना बनने के बाद भूत से भूतिया किले का एक-एक राज जाना गया..भूतों की ताकत के बारे में जाना गया..भूतों की कमजोरियों के बारे में जाना गया...जब तांत्रिक निश्चिंत हो गया तो भूतों के सरदार को अपने कब्जे में करने की क्रिया को अंजाम देने की तारीख तय कर दी गई..ये भूत अब भी उस तांत्रिक के कब्जे में था..और इसकी पूरी मदद ली जा रही थी....इस तांत्रिक के साथ मिलकर किस तरह भूतों को अपने वश में करने की कोशिश हुई और फिर क्या अंजाम हुआ...कल का इंतजार करिए.....
दरअसल ये गांव में जाकर किसी भी भले परिवार को तंग करता था..गनीमत यहां तक नहीं रही...एक परिवार के कई लोगों को इसे मौत के मुंह में पहुंचा दिया..यहां तक कि उनके मासूम बच्चों तक को नहीं छोड़ा..इसकी गलत नजर उसके परिवार पर थी..परिवार सहते-सहते जब हार थक गया तो उसने गांव के तांत्रिक की शरण ली..ये तांत्रिक भूतों का जानकार था और मंत्रों के जरिए भूत न केवल भगाता था बल्कि उन्हें पकड़ता भी था..वो ऐसे तंत्र-मंत्र का जानकार था...परिवार ने उस तांत्रिक को बुलाया..बाकायदा 24 घंटे तक तंत्र-मंत्र चला और आखिरकार इस भूत को उसने अपनी ताकत से वहां तक खींच लिया...इसके बाद उसे बोतल में बंद किया गया।
भूत से तांत्रिक पूछता जा रहा था और भूत सब कुछ उगलता जा रहा था..यहां तांत्रिक ने एक दांव खेला और उस भूत को लालच दिया..कि वो बाकी भूतों के अडडे को बताएगा तो उसे छोड़ देगा..मौका देखकर अपनी जान बचाने के लिए और भूतों के सरदार को दंड देने के लिए उसने भूतिया किले का सारा राज उगल दिया..तांत्रिक भी कम चालाक नहीं था..वह इस भूत को छोड़ना ही नहीं चाहता था बल्कि और भूतों को अपने कब्जे में लेने की फिराक में था..
उससे सारे राज जानने के बाद तांत्रिक ने कई और साथी तांत्रिकों को बुलाया और वो करने की ठानी जो कभी किसी तांत्रिक ने नहीं की थी..तांत्रिक खुद पूरे इलाके में अपनी धाक जमाने के चक्कर में था...पूरी योजना बनने के बाद भूत से भूतिया किले का एक-एक राज जाना गया..भूतों की ताकत के बारे में जाना गया..भूतों की कमजोरियों के बारे में जाना गया...जब तांत्रिक निश्चिंत हो गया तो भूतों के सरदार को अपने कब्जे में करने की क्रिया को अंजाम देने की तारीख तय कर दी गई..ये भूत अब भी उस तांत्रिक के कब्जे में था..और इसकी पूरी मदद ली जा रही थी....इस तांत्रिक के साथ मिलकर किस तरह भूतों को अपने वश में करने की कोशिश हुई और फिर क्या अंजाम हुआ...कल का इंतजार करिए.....