Thursday, August 27, 2015

भूत की कहानी का 60 वां दिन(एक-एक गायब होने लगे भूत)

पूरी तैयारी के साथ..अमावस की काली रात में तांत्रिक ने भूतिया किले को कब्जे में करने का अनुष्ठान शुरू किया...किले के पास ही उसने डेरा डाला..और बोतल में बंद भूत से सारी जानकारी मालूम करते हुए..तंत्र-मंत्र के साथ तांत्रिक और उसके साथियों ने भूतिया किले पर नजर रखना शुरू की..जैसे ही एक भूत किले से बाहर निकला..उसकी समझ में नहीं आया कि भूतिया लाइफ में उसके साथ ये क्या हो रहा है..वो सीधा जा रहा है..लेकिन उसके कदम सीधे न जाकर बगल में जा रहे थे..धीरे-धीरे वो गलत दिशा में खिंचता चला गया और पूरी कोशिश के बाद भी जब उसे लगा कि कोई उसे खींच रहा है..तो उसने किले में वापस भागने की कोशिश की..लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी..और भूत तांत्रिक के पास पहुंच चुका था..अब ये भूत भी बोतल में बंद था...

ऐसा एक भूत के साथ नहीं..पांच भूत उस रात तांत्रिक के कब्जे में जा चुके थे...उस रात तांत्रिक की खुशी का ठिकाना नहीं था..वो चाह रहा था कि इन भूतों पर कब्जा कर पूरे इलाके में अपना लोहा मनवा लूं..और इनसे मनमाफिक काम करवाऊं....दबदबे के साथ धन-दौलत भरपूर हो जाए...पांच भूतों को लेकर तांत्रिक रात को गायब हुआ..उसकी खुशी का ठिकाना नहीं हुआ।

अगली रात फिर तांत्रिक ने वहीं डेरा जमाया और आज वो दस भूत कब्जे में कर चुका था...करते-करते सौ से ज्यादा भूत एक हफ्ते के भीतर आ चुके थे..तांत्रिक का हौंसला बुलंद होता जा रहा था...अब वो भूत भी समझ चुका था कि वो गलत तरीके से फंस चुका है और भूतों का सरदार बनना तो छोड़ अब वो इसी तांत्रिक के साथ बंधक रहेगा..कायदे से तो यही भूतों का सरदार बन जाएगा..भूतों की जासूसी टीम को लग रहा था कि कुछ भूत गायब हैं और वो किले में वापस नहीं लौट रहे हैं...भनक लगते ही ये खुफिया जानकारी भूतों के सरदार तक पहुंचाई गई..पहरेदारों को अलर्ट किया गया और उनसे कहा गया कि जो भी भूत बाहर निकले..उसका हिसाब-किताब रखो..और हर दिन की जानकारी दो...
कुछ ही दिनों में साफ हो गया कि भूत लगातार कम हो रहे हैं और जा रहे हैं वो लौट नहीं रहे हैं. जो भूत परिवारों के साथ रह रहे थे..उनके सदस्य जब कई दिनों तक नहीं लौटे तो ये अंदेशा होने लगा कि भूत कहीं न कहीं मुश्किल में फंस रहे हैं।..पहरेदारों ने ये भी पाया कि जो भूत दिन में जाते हैं वे तो लौट आते हैं लेकिन रात में निकलने वाले भूत नहीं लौट रहे हैं...पता करने के लिए भूतों के सरदार ने एक खास सिपाही को भेजा..चिंता तब और बढ़ गई जब वो भूत भी नहीं लौटा जबकि वो सरदार का खास विश्वस्त था...अब सरदार को लगने लगा था कि कहीं कोई तो है जो भूतिया किले को निशाना बना रहा है और भूतों के साथ कोई गलत कर रहा है...

.ये समझते ही भूतों के सरदार को चिंता हुई और गोपनीय मीटिंग बुलाई गई जिसमें सरदार के खास भूतों की टीम ने हिस्सा लिया.....एक खुफिया मिशन की तैयारी हुई..इस खुफिया मिशन में क्या तय हुआ..क्या रणनीति बनाई गई..मिशन के तहत क्या जिम्मेदारी दी गई और तांत्रिक के साथ क्या हुआ...कल का इंतजार करिए......
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