Friday, August 21, 2015

भूत की कहानी का 55 वां दिन(नाग-नागिन समाधि पर नजर रखे थे)

वाकई समाधि के नीचे से आवाज तो आ रही थी..क्या कोई बच्चा नीचे दबा है..या कोई बड़ा आदमी है या फिर कोई और..मन में ये विचार लगातार कौंध रहे थे। शाम होने को थी..खेलने के वक्त जैसे ही हवेली से निकला..लड़की गेट के पास खड़ी मुस्करा रही थी..उसे जब सारी बात बतायी तो फिर कुएं की तरफ चलने का प्लान बना..दोनों समाधि की ओर बढ़ ही रहे थे..कि धीमी-धीमी आवाज से मन बेचैन हो गया..ये किसी बच्ची के रोने की आवाज थी..और कोई जोर-जोर से हंस रहा था..बच्ची की आवाज धीमी थी..जबकि उस शख्स की आवाज तेज थी और ज्यादा डरावनी थी...

समाधि के पास पहुंचा तो मैंने वो जगह उस लड़की की बताई..जहां मिट्टी खुदी हुई थी..और उसमें हलचल हो रही थी..गौर से उस जगह को देखा तो लगा कि उस जगह मिट्टी खोदी गई है..या फिर खोदकर फिर ढक दिया गया है..कान लगाने पर भीतर से आवाजें बीच-बीच में सुनाई दे रही थीं...मिट्टी खोदना शुरू किया गया...लेकिन जैसे ही मिट्टी खोदनी शुरू की..आवाजें आना बंद हो गईं..कई फुट मिट्टी खोदने के बाद थक गए..मिट्टी खोदे जा रहे थे..लेकिन कुछ नजर नहीं आ रहा था...हां..आवाज आना अब बिलकुल बंद थीं...समझ में नहीं आ रहा था कि क्या किया जाए...
कुल मिलाकर रहस्य बढ़ता ही जा रहा था...काफी देर खोदने के बाद जब नहीं रहा गया तो वहां से चल दिए..और तय हुआ कि कल फिर आकर मिट्टी की खुदाई की जाएगी...जैसे ही वहां से चले..तो फिर लगा कि आवाज आनी फिर शुरू हो गई हैं..वैसी ही आवाज..कभी रोने की..कभी हंसने की...ये क्या हो रहा है..समझ में नहीं आ रहा था...फिर लौटे तो देखकर दंग रह गए..जितनी मिट्टी खोदी गई थी..वो गडढा फिर भर गया था...बिलकुल पहले जैसा..

अब समझ में आ रहा था..कि इस समाधि के नीचे जरूर कोई न कोई रहस्य है..नहीं तो मिट्टी अपने आप कैसे जस की तस हो गई..बल्कि उस पर कुछ सूखे पत्ते भी नजर आने लगे थे...पूरे शरीर में सिहरन सी दौड़ गई थी..रोंगटे खड़े हो रहे थे..इस समाधि का तिलस्म देखकर तमाम बातें ध्यान में आ रही थीं..लड़की ने कहा..कि नीचे जरूर किसी का वास है..और आप अब अकेले मत जाना..अब मैं ही इसका रहस्य बाहर निकालूंगी....
लड़की ने मन ही मन प्लान बना लिया था और अचानक ही उसने ताली बजानी शुरू की..ताली बजते ही दो सांप लहराते हुए समाधि के पास नजर आने लगे...एक नाग और एक नागिन जैसे..काले..लंबे सांप लहराते हुए..लड़की ने मुझे इशारा किया कि शांत रहो..और परेशान मत हो..अब हम यहां से चलते हैं...और काले सांप अब यहीं रहेंगे..समाधि पर नजर रखने के लिए...चिंता मत करो..जल्दी ही इस समाधि का रहस्य बाहर आ जाएगा....हां अकेले अब समाधि पर बिलकुल मत जाना..खतरा हो सकता है...आखिर ये नाग-नागिन क्या करेंगे..समाधि पर...क्या है समाधि के नीचे...कैसे ये रहस्य उजागर होगा...कल का इंतजार करिए......
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