Tuesday, September 1, 2015

भूत की कहानी का 62 वां दिन(अजगर ने कैसे लपेटा तांत्रिक को?)

अगले दिन फिर तांत्रिक पहुंचा..लेकिन सावधानी के साथ..उसे भनक लग चुकी थी कि कोई तो उस पर नजर रख रहा है..भूतिया किले को पता लग चुका है कि वो क्या हरकत कर रहा है..दूसरे कई भूत उसके कब्जे में आने से उसे अंदेशा हो रहा था कि अब आगे का काम मुश्किल होने वाला है..उधर भूतिया किला मिशन बना चुका था कि इस तांत्रिक से कैसे निपटना है?

ये अमावस की काली रात थी..आसमान में घटाटोप अंधेरा...बीच-बीच में बिजली तड़कने से सिहरन दौड़ रही थी...भूतिया किले में भी सन्नाटा पसरा हुआ था..जुगनू की चमक-चमक से अंधेरा का एहसास हो रहा था..बिजली चमकने से थोड़ी रोशनी फैलती थी..लेकिन झटके के साथ ही फिर अंधेरा ही अंधेरा बिखर जा रहा था...तांत्रिक अपने साजो-सामान के साथ बोतल में बंद भूत लेकर फिर अपने अड्डे पर पहुंचा...घने जंगल के बीच अंधेरा में उसने मशाल जलाई और चारों तरफ उसके तांत्रिक साथी बैठ गए..आज तांत्रिक भी मन में कुछ भयानक सोच कर आया था...11 खोपड़ियों के साथ उसने लाल सिंदूर लगाकर हवन-पूजन का की सामग्री बिछा दी....तांत्रिक के चेहरे पर डरावनी मुस्कान थी..आंखों में घातक चमक..कभी चारों और नजर डाल रहा था..तो कभी आसमान की तरफ निहार रहा था..अमावस की काली रात में बड़ा तंत्र-मंत्र होना था...

उधर भूतिया किले के सरदार की निगरानी में 11 भूत उस तांत्रिक को घेरने के लिए निकल चुके थे। इनमें से टीम का प्रमुख भूत करीब 20 फुट लंबे अजगर की शक्ल में था..भूतिया किले से निकलते ही उसकी भूख बढ़ चुकी थी..बीच में कई जानवरों को यूं ही निकल गया..जैसे अभी नाश्ता किया हो..अब पूरे भोजन की तैयारी हो रही हो...उसके साथ दस और भूत थे..जो बिच्छू बन कर रेंग रहे थे..काले बड़े बिच्छू..डंक अलग ही निकल रहा था..काले-काले बिच्छू अंधेरे में नजर भी नहीं आ रहे थे....
धीरे-धीरे कर तांत्रिक के चारों ओर से इन बिच्छुओं ने घेरना शुरू किया..नजदीक पहुंचने के बाद भी तांत्रिक और उसके साथियों को भनक तक नहीं थी..कि उनके चारों और भूतों का या बिच्छुओं का घेरा कस चुका है..वो अपने तंत्र-मंत्र को परवान चढ़ाने में जुटा हुआ था...सारे बिच्छुओं ने एक साथ तांत्रिक पर हमला बोला...पूरे शरीर को डंक से तहस-नहस कर दिया गया..तांत्रिक कुछ समझ पाता..इसके पहले वो निढाल हो चुका था...उसके साथ ही 20 फीट का अजगर तांत्रिक पर हमला बोल चुका था..उसे चारों से लपेट लिया गया.
.तांत्रिक के सारे साथी समझ ही नहीं पाए कि अचानक जंगल में बिच्छू और सांप कहां से आ गए..अंधेरे में हमला देखकर वो गांव की ओर भागे...अजगर ने चारों ओर से तांत्रिक को कस लिया था..तांत्रिक के साथ बोतल में बंद भूत भी लाया गया। भूतिया किले में पहुंचते ही...तांत्रिक को कस कर बांध दिया गया....और बोतल में बंद भूत को सरदार के सामने रखा गया...इसके बाद क्या हुआ...उस तांत्रिक के साथ क्या सुलूक हुआ...बोतल में बंद भूत ही असल किरदार था..जिसने भूतिया किले के साथ विश्वासघात किया था...उसके साथ क्या हुआ...कल का इंतजार करिए......
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