Wednesday, September 16, 2015

भूत की कहानी का 74 वां दिन(पुजारी ने कैद किया भूत को)

जब भूत समझ गया कि पुजारी जी के कब्जे से मुक्ति पाना आसान नहीं..तो उस नौजवान ने अपनी कहानी बताना शुरू की..उसने जो खुलासा किया..उससे जमींदार के बाद सेठ की भी हकीकत सामने आ गई। नौजवान का कहना था कि वह सेठ की लड़की जो बगल में बैठी हुई है..उससे बहुत प्यार करता था..बचपन से ही उसे चाहता था..और जवानी की दहलीज पर आते-आते मुझे उसके अलावा और किसी से कोई मतलब नहीं था.लेकिन सेठ को ये बिलकुल पसंद न था..सेठ चाहता था कि इस जमींदार के बेटे से ही उसकी बेटी की शादी हो।

सेठ ने मेरे पिता को काफी समझाया और मुझे भी काफी समझाने के साथ ही कई लालच दिए..उसने यहां तक कहा कि वो दूसरे शहर चला जाए..वो उसे मोटी रकम देगा..उसका व्यापार चलवा देगा लेकिन उसकी लड़की को छोड़ दे..और उसकी नजरों से दूर हो जाए..जब सेठ को लगा कि मैं मानने वाला नहीं हूं तो सेठ ने अपने गुर्गों से मिलकर मुझे परेशान करवाना शुरू किया। एक दिन मुझे एक्सीडेंट में मारने की कोशिश हुई लेकिन मैं बाल-बाल बच गया। अब मुझे भी डर लगने लगा था कि ये सेठ मुझे छोड़ेगा नहीं..
एक दिन उसके गुर्गे मुझे सेठ के खेत पर जंगल में बहाने से ले गए..उधर जमकर पार्टी हुई और शराब पिलाकर उसकी हत्या कर दी गई। इसके बाद गुर्गों ने चुपचाप वहीं जगल में मेरी लाश दफना दी। किसी को भनक ही नहीं लगी। मेरे परिवार के लोग मुझे कई दिनों तक तलाशते रहे लेकिन मैं तो इस दुनिया से विदा हो चुका था। इसके बाद मैं भी भूत बनकर अपने घर-परिवार के आसपास मंडराने लगा और जब उनकी बुरी हालत देखी तो मेरा खून खौल उठा। इसके बाद मैंने सेठ को छोड़ा नहीं..इधर सेठ जमींदार से उलझ रहा था और उसके चक्कर में कई जानें चलीं गईं। मैंने भी सेठ को इतना तंग किया कि पूरा परिवार बर्बाद कर दिया। यहां तक आज भी उस सेठ का बंगला भुतहा पड़ा हुआ है..कोई भी जाता है..मैं उसे छोड़ता नहीं..मैं नहीं चाहता कि वो जगह फिर से आबाद हो। पुजारी जी चुपचाप उसकी कहानी सुनते जा रहे थे और वो बोलता जा रहा था।
तभी पुजारी ने उससे कहा कि अब मैं जो चाहता हूं..उसे गौर से सुनो..तुम इन दोनों को छोड़कर कहीं दूर चले जाओ..नौजवान चिंतित होकर पुजारी जी की ओर देखने लगा लेकिन उसे समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या करे..क्या न करे।
पुजारी जी ने समझाया कि देखो..ये दोनों बेइंतहा प्यार करते हैं और जान गंवाने के बाद भी दोनों साथ हैं..लेकिन तुम्हारे साथ ऐसा नहीं है..यदि तुम इस लड़की से सच्चा प्यार करते हो..तुम्हें उसे छोड़ना होगा..नहीं तो यही माना जाएगा कि तुम झूठ बोल रहे हो..ये सुनते ही वो पुजारी जी से सहमत हो गया। पुजारी जी ने फिर मंत्र पढ़ना शुरू किया और देखते ही देखते वो नौजवान गायब..दादा जी ये सब देखते-देखते घबरा गए..कि अचानक वो कहां चला गया..क्या वो भाग गया..तभी देखते हैं कि पुजारी ने एक बोतल का ढक्कन खोला और सामने सरक रहे केंचुए को लकड़ी की मदद से बोतल में डाला..ऐसा करते ही पुजारी के चेहरे पर मुस्कराहट फैल गई। बोले..अब ये नौजवान इस बोतल में है..और इसे इतनी दूर ले जाना होगा कि फिर कभी इस इलाके तक न आ पाए..ये देखकर दोनों युवक-युवती भी घबरा गए..लेकिन पुजारी जी ने उन्हें वचन दिया था..इसलिए कहा कि तुम दोनों यहां रह सकते हैं पर दादा जी की ओर इशारा कर बोले..इन्हें मत छेड़ना..और न ही उन्हें कोई परेशानी होनी चाहिए। इतना कहते ही पुजारी जी ने फिर मंत्र पढ़े और अचानक फैले धुएं में दोनों आकृतियां विलीन हो गई। भूत की कहानी में कल से शुरू होगी नए रहस्य-रोमांच की शुरूआत...ऐसा रहस्य कि दिल दहला दे..कल का इंतजार करिए।