Saturday, September 19, 2015

भूत की कहानी का 76 वां दिन(हवेली में आती अजीब आवाजें)

सुबह से पूरी हवेली में घरेलू काम करने वाले सहायकों को ताकीद कर दी गई कि कोई बिल्ली दिखे तो बताना..लेकिन पूरा दिन गुजर गया..कोई बिल्ली नहीं दिखाई दी। दादी ने सोचा कि चलो..कहीं से भटकती हुई आ गई होगी। रात हुई..लेकिन मन में बिल्ली का डर बना हुआ था..क्योंकि बिल्ली ने एक घड़ा नहीं दो घड़ों में मुंह मारा था और वो भी रहस्यमय तरीके से...

रात को फिर वही हुआ...लेकिन कल जैसा नहीं..अलग हट कर..आज बिल्ली नहीं आई थी लेकिन आधी रात के बाद कुत्ते के भौंकने की आवाज जरूर सुनाई दी..लगा कि हवेली के बाहर सड़क पर कोई कुत्ता भौंक रहा है..थोड़ी ही देर में आवाज शांत हो गई तो राहत की सांस ली..लेकिन रात जैसे-जैसे गहराती गई..कुत्ते के भौंकने की आवाज और बढ़ने लगी..और वो भी अजीब तरीके से..जैसे भौंक नहीं रहा हो..बल्कि रो रहा हो। ऐसी आवाज जो विचलित सी कर दे रही थी..जैसा कुत्ता कष्ट में हो..ऐसी ही कल बिल्ली की आवाज सुनाई दी थी..मन में घबराहट तो हो ही रही थी..सोचने लगी कि कहीं कोई दोनों में समानता है या फिर इत्तफाक...
थोड़ी ही देर बाद लगा कि जैसे हवेली के ही एक कोने से ये आवाज गूंज रही है..कान लगाकर अंदाजा किया तो लगा कि हो सकता है..हवेली के किनारे ही कुत्ता हो..जहां वो भौंक रहा हो। सोचते-सोचते मन में कई सवाल आने लगे। नींद उचट चुकी थी..मन घबरा रहा था..इसलिए फिर उठकर घड़े के पास पानी पीने गए..तो देखा कि आज फिर घड़े का ढक्कन नीचे गिरा हुआ है..लगा कि जैसे किसी ने घड़े में से पानी पीया हो..
अब दूसरे कमरे में रखे घड़े के पास गए...तो उसका भी वही हाल..जैसा कल था..यानि कोई तो है जो रात को घड़े का पानी पी जा रहा है। ऊपर से अचानक कुत्ते और बिल्ली की आवाजें..जो कभी नहीं सुनाई देती थीं।
दादी कहानी सुनाती जा रही थीं और मेरे रोंगटे खड़े होते जा रहे थे..कि आखिर ये रहस्यमय कुत्ता और बिल्ली कौन थे...दादी से मैं जानना चाह रहा था और वो मुस्कराते हुए..थोड़ा सब्र रखने को कहती जा रही थीं। फिर अगले दिन भर भी सामान्य रहा और जैसे ही रात हुई तो सभी का मन घबराने लगा कि आज रात कैसे कटेगी..ये कुत्ते और बिल्ली आज तो परेशान नहीं करेंगे। जैसे ही सोने को हुआ..तो लगा कि हवेली में काली सी परछाईं नजर आ रही है..दूर किसी जानवर की परछाईं...गौर से देखा तो बिल्ली और कुत्ते जैसी ही परछाईं थीं..अचानक ही परछाईं गायब हो गई। इसका मतलब ये कुत्ते-बिल्ली क्या रात को हवेली में दाखिल हो जा रहे हैं जबकि दिन में अच्छे से तलाशी कर ली गई थी..किसी भी अनजान जानवर का नामोनिशान नहीं था। आज रात को क्या होगा..क्या इन कुत्ते-बिल्ली का रहस्य खुल पाएगा..या फिर दहशत और बढ़ेगी..कल का इंतजार करिए।