Monday, July 13, 2015

भूत की कहानी का 23 वां दिन (भूतों का हंगामा)

रात में हम कुएं पर थे, बिजली चमक रही थी, तेज हवाएं चल रही थीं, बूंदा-बांदी शुरू हो गई थी, समाधि के पास, हवा में उछले कई सांप, पेड़ पर बैठा उल्लू, बगल में खड़ी लड़की और मैं, आप कितने भी कल्पनाशील हो, सारी धरी की धरी रह जाएगी जब ऐसा भयावह मंजर हो, न तो आजतक मैंने किसी रहस्य-रोमांच कहानियों में पड़ा न ही किसी से सुना...होशहवास खो दे..बड़ा से बड़ा हिम्मत वाला....

मेरे दांत जोर-जोर से किटकिटा रहे थे और उसकी आवाज सुनकर  मैं कांप रहा था, ये लड़की पता नहीं आज क्या करवाएगी और मैं भी अपने को कोस रहा था कि कैसे में दादी के पास पहुंच जाऊं..जब मैंने घबराहट में लड़की की ओर निगाह डाली तो देखा कि लड़की मुस्करा रही हो, बस यही हिम्मत थी जो मुझे जिंदा बचाए थी नहीं तो मैं कबका वहां लुढ़क चुका होता। इतने में उल्लू की आवाज गूंजी तो फिर मैं अपने आप में ही सिमट गया..मेरा मन हो रहा था कि मैं कहीं और निगाह ही न डालूं..बस लड़की की ओर देखता रहूं, जो मुस्कराए ही जा रही थी..तभी लड़की की ऐसी आवाज गूंजी कि आधा किलोमीटर दूर हवेली में सो रही दादी की भी हालत खराब हो गई होगी। देखा तो लड़की के आंखों में रोशनी चमक रही थी और हवा में लगातार ऊपर उठती ही जा रही थी, नीचे एक पूंछ सी बनती जा रही थी और लड़की कई फुट ऊपर पहुंच चुकी थी। ऐसा तो आज तक मैंने हालीवुड या बालीवुड की किसी भी फिल्म में नहीं देखा...लड़की चीखी तो सब कुछ शांत हो गया, हवा में लहराते सांप नीचे दुबक गए, उल्लू भी शांत नजर आने लगा...

फिर लड़की चीखी, तुम लोगों की समझ में नहीं आएगा, ये हमारे पति हैं और इंसान हैं, तुम्हें देखकर वो इतने भयभीत हैं, समझ में नहीं आ रहा, मैं यहां तुम लोगों को इसलिए नहीं लाई कि उनकी जान ले लो, बल्कि इसलिए लाई हूं कि एक शानदार पिकनिक हो..पार्टी हो, इतना कहते ही लड़की धीरे-धीरे अपने सामान्य रूप में नीचे आने लगी, जो सांप खतरनाक तरीके से हवा में लहरा रहे थे, जैसे ही उनकी तरफ नजर डाली तो देखा कि सांप गायब हैं और शानदार नृत्यांगनाएं सामने सजी-धजी खड़ी हुईं हैं और तो और उल्लू महाशय भी अपने कई कलाकारों के साथ अचानक सावधान मुद्रा में संगीत के लिए तैयार हैं। ये क्या समां हैं, कभी आतंक हैं तो कभी मस्ती, ये लड़की भी बड़ी अजब-गजब है, खैर..संगीत का कार्यक्रम शुरु हुआ, देर रात तक चला। आप सोच भी नहीं सकते हैं कि हवा में कितने फीट ऊपर कलाकार जा रहे थे, यही नहीं, संगीत के साजो-सामान भी हवा में लहरा रहे थे, कभी-कभी कोई कलाकार खतरनाक चीख भी निकाल रहा था जिसे वो लड़की बंद करा रही थी।

आपने भले ही कई लेजर शो देखे हों, कितने ही लाइट एंड साऊंड देखे हों, कितने ही डरावने शो देखे हों, यदि आप इस महफिल के साक्षी होते तो जीवन में खतरों के खिलाड़ी भूल जाते थे, सारे डांस भूल जाते..सारे संगीत भूल जाते और डर किसे कहते हैं वो भी महसूस कर लेते..मैंने बचपन में इसे भोगा इसलिए आज मजबूत हूं..इतना मजबूत कि सारी घटनाएं-दुर्घटनाओं की पराकाष्ठा में अपनी आंखों से देख चुका हूं, भुगत चुका हूं. कुल मिलाकर अदभुत अनुभव था, कभी डर था, कभी मनोरंजन था। आखिर में सबने आदाब किया और अचानक कड़कती बिजली और तेज हवाओं के साथ धुएं की तरह सब गायब हो गए, ये कौन थे, लड़की उन्हें क्यों लेकर आई थी, आगे क्या खतरनाक मोड़ आने वाला है, कल का इंतजार करिए.......
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