Tuesday, August 11, 2015

भूत की कहानी का 46 वां दिन(प्रेमी-प्रेमिका भूत का मिलन)

सुंदर सी युवती का मन  उस युवक की तलाश में भटक रहा था..जो अब भूतनी बन चुकी थी..अपने पिता और चाचा से इंतकाम ले चुकी थी और अब उस युवक को खोजने के लिए व्याकुल थी..लेकिन युवक का मिलना आसान नहीं था..वो अपने गांव में..अपने परिवार में कभी पशु बनकर कभी पक्षी बन कर कभी सांप बनकर घूम रही थी लेकिन सुराग नहीं मिल रहा था..
तभी अचानक उसने देखा कि उसके परिवार के पास बने पेड़ के पास एक उल्लू बैठा हुआ है..जो सुबह से लेकर रात तक कभी-कभी गायब होता लेकिन बाद में फिर घर के पास बने पेड़ पर जाकर बैठ जाता है..और उसकी ओर देख रहा है..युवती सांप बनकर उसके पास लहराने लगी.. उल्लू  बार गौर से देखने से लगा कि उसकी आंखों में कुछ चमक सी है..रात का अंधेरा घिर रहा था..और वो उल्लू एकटक देखे जा रहा था...युवती से रहा न गया..जैसे ही उल्लू के नजदीक पहुंची..देखते ही देखते वो अपने पुराने स्वरूप में लौट आई.


जैसे ही युवती ने रूप बदला..उल्लू हवा में फड़फड़ाने लगा और जमीन पर धम्म से नीचे गिरा..अभी तक तो युवती की समझ में नहीं आ रहा था कि ये कैसा उल्लू है..तभी उसने देखा और आंखें मलती ही रह गई..वो युवक उसके सामने खड़ा था..अब युवती की चौंकने की बारी थी..आखिर ये उल्लू कैसे बन गया? क्या इस युवक की मौत हो गई..क्या इसने सुसाइड कर लिया..ये सवाल उसके मन में उछल रहे थे..तो युवक मुस्कराया और बोला..हां...तुम्हें नहीं मालूम..जैसे ही तुम्हारी मौत की खबर मुझे मिली..मैं भी गांव से बाहर गया और उसमें छलांग लगा दी..अब भी उस कुएं में मेरी लाश पड़ी है और मैं वहीं से भटकता हुआ..गांव में कभी अपने घर और कभी आपके घर के चक्कर काट रहा हूं...

युवती और युवक का ऐसा मिलना शायद ही कहीं हो..दोनों भूत बन चुके थे..और एक दूसरे से उसी तरह मिल रहे थे..जैसे मिलते थे..उन्हें इंसानों ने रहने नहीं दिया लेकिन भूत बनने के बाद उन्हें कौन रोक सकता था..दोनों फिर सांप के रूप में बदले..और रेंगते हुए गांव से निकल गए..जब मेरी हवेली के पास पहुंचते ही दोनों फिर युवक-युवती के रूप में बदले और मेरे यहां पानी पीने के लिए दाखिल हुए..मैं देखते ही समझ गया कि युवक भी भूत बन चुका है...इशारों ही इशारों में उसने बताया कि वो अब भूतिया किले जा रहे हैं..अब वही उनका नया आशियाना होगा..तो इस भूतिया कथा का अंत हुआ..आगे क्या होगा?...कल का इंतजार करिए....
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