Friday, August 14, 2015

भूत की कहानी का 49 वां दिन(भूतनी का पति कैसे मिला?)

अगले दिन जब उस लड़की से स्कूल में मुलाकात हुई और उसने जो किस्सा सुनाया तो चौंक गया...वो युवक भूत जब किले में पहुंचा तो भूतों के सरदार ने सारे भूतों को बुलाकर सभा बुलाई और उस युवक का परिचय कराया..एक नए मेहमान का परिचय कराया ही जा रहा था कि एक महिला चीखती हुई..मंच की ओर दौड़ी और उस युवक के गले से लिपट गई..दरअसल जो महिला उस नन्ही भूतनी को लाई थी और अपने पति की तलाश में भटक रही थी..वो युवक ही उसका पति था..जिसकी कई महीनों से उसे तलाश थी..

जैसे ही इंटरवल हुआ..हम लोग आपस में बातें कर ही रहे थे..कि पेड़ की छांव में एक महिला खड़ी हम लोगों की ओर एकटक निहार रही थी..मेरी समझ में नहीं आ रहा था कि ये महिला मुझे देख रही है या उस लड़की को...जैसे ही लड़की का ध्यान मैंने उस ओर दिलाया तो मुस्कराने लगी..ये महिला वही थी जिसका पति मिल गया था..पेड़ के पास पहुंचते ही उस महिला भूतनी ने मुझे धन्यवाद दिया और बताया कि जब हम दोनों की मौत हादसे में हुई तो शादी को एक साल ही हुए थे...मौत के बाद जैसे ही भूत बनी..आसपास तलाश करते-करते मायूस हो गई थी..वो तो नन्ही भूतनी मिल गई..इसलिए यहां चली आई..नहीं तो न जाने कहां भटक रही होती...मेरा पति भटकते-भटकते दूसरी जगह पहुंच गया..आपकी वजह से मेरा पति मिल गया..और जब तक भूत हूं तब तक जो सहयोग बनेगा..मैं आपके एहसान का बदला चुकाना चाहूंगी..
तभी टीचर की आवाज से हम चौंक गए...क्लास की ओर रवाना हो गए..और वो महिला हवा में धूल के गुबार के रूप में छू मंतर हो गई...भूतों की दुनिया में एक और भूत बढ़ गया था..और मुझे अब न तो स्कूल में अच्छा लग रहा था और न ही हवेली में..इन भूतों के बीच मन रमने लगा था..लगता था कि उसी भूतिया किले में बस जाऊं..जहां अजीबोगरीब किस्से हैं..अजीबोगरीब परंपराए हैं..चमत्कार हैं...
ये सब सोच ही रहा था कि देखता हूं कि स्कूल में एक बैल दौड़ता हुआ स्कूल में घुस गया...चारों तरफ घूमते हुए उसने बच्चों में कोहराम मचा दिया..पूरे स्कूल में बच्चे इधर से उधर भागते हुए अपने को बचाने की कोशिश कर रहे थे..तभी देखता हूं कि बैल एक जगह खड़ा हो गया...बच्चों ने राहत की सांस ली...देखते ही देखते वो बैल पीछे को खिसकने लगा...ऐसे जैसे आजकल रोबोट पीछे को जाते हैं. दरअसल उस लड़की ने बैल को रोक लिया था..और वही उसे अपनी ताकत से पीछे को धकेल रही थी.....स्कूल के बच्चे और टीचर भी हैरान थे..कि अचानक इस बैल की तेजी कहां चली गई....ये बैल था कौन...स्कूल में क्यों आया था....क्या मकसद था उसका?.... कल का इंतजार करिए.....इन्हें भी जरूर पढ़िए..for life-.amitabhshri.blogpot.com  for fun- whatsappup.blogspot.com