Sunday, August 23, 2015

भूत की कहानी का 57 वां दिन(क्यों समाधि के नीचे छिपी थी भूतनी?)

नाग-नागिन तो बाहर निकल आए..लेकिन मां-बेटी समाधि के भीतर थे..उनके निकलने का इंतजार किया जाने लगा..जैसे ही दोनों बाहर निकले..नाग-नागिन ने अपना भेष बदला और भरोसा दिलाया कि वो भी भूत हैं और उनकी मदद करना चाहते हैं..आखिर आप कौन हैं और समाधि के नीचे क्या कर रहे हैं...जो खुलासा हुआ..वो चौंकाने वाला था...

मां-बेटी पास के ही गांव के एक प्रधान के सताए हुए थे....उसका पति वहां मजदूर था...और जब पति की बीमारी से मौत हुई थी तो वो प्रधान के घर काम करने लगी..उसके आसरे पर रोजी-रोटी चल रही थी..नन्ही सी बच्ची गोद में थी..लेकिन प्रधान की नीयत खराब थी..कई बार उसने कोशिश की और जब लगा कि वो गांव में अकेली नहीं रह सकती..क्योंकि प्रधान का दबदबा है और उसके जीवन यापन का भी कोई ठिकाना नहीं...जब चारों तरफ से निराश हुई तो उसने बेटी के साथ खुदकुशी कर ली...और भूत बनने के बाद प्रधान का जीना हराम कर दिया...उसे कई महीनों तक सताया...रोज उसके घर में इधर उधर आग लगने लगी...घर के खाने में कचरा नजर आने लगा...तरह-तरह से उसे परेशान करने के बाद प्रधान इतना हताश हो गया कि दिल का दौरा पड़ा और उसकी मौत हो गई...
 कहते हैं कि मौत के बाद भी राहत नहीं मिलती...वो भी भूत बना..और गांव के पास पेड़ के नीचे जहां मेरा आसरा था..प्रधान का भूत भी न जाने वहां कैसे आ पहुंचा और मेरा पीछा करने लगा..डर के मारे मैं वहां से भागते-भागते इस समाधि तक पहुंची...मुझे लगा कि इस समाधि के नीचे किसी की नजर नहीं जाएगी..और इसीलिए यहां डेरा डाल लिया ताकि मेरा बच्चा भी सुरक्षित रहे और मैं भी उस प्रधान के भूत से बची रहूं...

नाग-नागिन ने जब उस मां की दास्तान सुनी तो उनके भी आंसू आ गए..और उसे बताया कि तुम्हें भूतिया किले ले चलते हैं वहां भूत ही भूत हैं..पूरा अमन-चैन है और अनुशासन है..हां उस प्रधान का अगर पता लग लग गया और पकड़ में आ गया तो उसे भरपूर सजा दी जाएगी..भूतों के सरदार जरूर आपकी मदद करेंगे। काफी भरोसे के बाद मां-बेटी को समाधि से मुक्ति दिलाई गई..और भूतों के किले में पहुंचाया गया..जहां भूतों के सरदार ने भी उसे भरोसा दिलाया कि उनके रहते कोई भूत दुष्टता करे..ये बिलकुल पसंद नहीं..उस प्रधान के भूत का पता लगाया जाएगा..और उसे कड़ा दंड दिया जाएगा...क्या होगा आगे..क्या प्रधान का भूत पकड़ा जाएगा...कल का इंतजार करिए.......
इन्हें भी जरूर पढ़िए..for life-.amitabhshri.blogpot.com  for fun- whatsappup.blogspot.com