Saturday, August 1, 2015

भूत की कहानी का 38 वां दिन (आसमान में गुम गया भूतिया शरीर)

अगले दिन स्कूल पहुंचा तो मन पढ़ाई में नहीं लग रहा था, इच्छा थी कि भूतिया किले में कैसे जाऊं, तभी पता चला कि आज आधे दिन की छुट्टी है, इंटरवल के बाद स्कूल नहीं लगेगा, बस फिर क्या था, मेरे लिए तो पिकनिक सी मन गई, मैं लड़की के साथ निकल पड़ा, सामने से देखा कि मेरे परिचित आ रहे हैं, मेरी हालत पतली, दादी को पता चल जाएगा, मैं सोच ही रहा था कि बगल में देखता हूं कि लड़की गायब हो चुकी है, दादी साथ में चल रही हैं, दादी की ओर देखा तो मुस्करा रही थी, बोली कुछ नहीं, चुपचाप आगे बढ़ता रहा, जैसे ही परिचित निकल गए, अचानक आवाज आई, किसके साथ जा रहे हो, बगल में देखा तो दादी गायब, फिर वही लड़की साथ में चल रही है।

जैसे ही किले के बाहर पहुंचा, तो देखा कि एक डेड बाडी पड़ी हुई है, उसके चारों ओर भूत जमा हैं, कोई बालों को लहरा है, झूम रहा है, तो कोई पेड़ पर बैठकर जोर-जोर से आवाजें निकाल रहा है, कोई सांप बनकर लहरा रहा है तो तमाम चील कौवे ऊपर उड़ रहे हैं, डेड बाडी के पास एक अजीब सा भूत दुबला पतला, बाल पूरे सफेद, लंबा सा मुंह, आंखें बाहर सी निकली हुईं, पैर उलटा, हाथ उलटा, अजीब सा भूत, डेडबाडी के पास बैठा न जाने क्या-क्या बोल रहा था, शायद कोई भूतिया मंत्र पढ़ रहा था। लड़की से पूछा, ये क्या हो रहा है, बोली, यही वही भूत है कल जिसका क्रियाकर्म हुआ था और रात को जश्न ननाया गया था, ये उसी भूत की आखिरी विदाई है, इसके बाद भूतिया किले से इसका कोई वास्ता नहीं रहेगा, भूतों के जो नियम-कायदे हैं, उसके मुताबिक इसका तर्पण चल रहा है, भूतों की दुनिया से अब इसका नामोनिशान मिटने जा रही है, इसके सारे भूतिया बही-खाते बंद हो जाएंगे, भूतों से इसको मुक्ति मिलेगी और इसको भूतों से। ये भूत कौन था, ये पूछने पर पता चला कि बहुत ही सीरियस भूत था, कम ही भूतों से मिलता था, हां, अक्सर भूतों की किताबें पढ़ता रहता था, कभी भी भूतिया किले से बाहर नहीं गया, दरअसल इसकी सारी की सारी फैमिली की मौत रेल दुर्घटना में हुई थी, और उसके परिवार के बाकी सदस्य किस योनि में गए, कहां है, उसे पता नहीं था, इसीलिए उदास रहता था, अपने परिवार के बारे में सोचता रहता था।

मैं जान ही रहा था कि अचानक मंत्र पढ़ रहा भूत जोर से अटटाहास करने लगा और जैसे ही उसने झूमना शुरू किया, सारे भूत भी अटटाहास करने लगा, देखता हूं कि जो डेडबाडी है वो हवा में उठना शुरू हो गई है, धीरे-धीरे कर आसमान की ओर डेडबाडी जाने लगी और भूत उसके चारों और मंडराने लगे, अजीब सा मंजर था, तभी देखता हूं कि डेडबाडी बिलकुल राकेट की तरह आसमान में विलीन हो गई और हवा में जो भूत मंडरा रहे थे, एक-एक कर उदास से नीचे आ गए, सब मुरझाए से किले के भीतर जाने लगे, लड़की मुझे भी लेकर भूतिया किले में पहुंची, आज इस किले में किन-किन भूतों से सामने होगा और भूतों के क्या रहस्य क्या रीति-रिवाज मालूम चलेंगे, कल तक का इंतजार करिए........इन्हें भी जरूर पढ़िए....
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