Tuesday, August 4, 2015

भूत की कहानी का 39 वां दिन(बुजुर्ग भूतनी ने रुला ही दिया..)

भूतिया किले में जैसे ही दाखिल हुए तो लड़की मुझे एक ऐसी भूतनी से मिलने ले गई जिसे देखकर मैं दंग रह गया, काला चेहरा, सफेद बाल, सफेद साड़ी, सफेद आंखें चमक रहीं, बाल नीचे जमीन तक आ रहे, दुबली-पतली सी, ये भूतनी उम्रदराज लग रही थी, बड़ी दयनीय सी, लड़की ने मुझे जैसे ही उससे मिलवाया, आंखें चमकने लगी उसकी, हवा में हाथ लहराया, बैठने के लिए नीचे कालीन सा बिछ गया, मुझे उस भूतनी के बारे में जानने की इच्छा जाग रही थी, पूछना शुरू किया, आप यहां कब कैसे आए...

बुजुर्ग भूतनी ने बोलना शुरू किया तो आंखें भर आईं, ये भूतनी मुंबई की थी, इसके दो बेटे थे, खासी जायदाद थी, करोड़ों का बंगला था, संपत्ति थी, पति की मौत के बाद उसे दोनों लड़कों की बहुओं ने पहले तो पटाना शुरू किया और जब लगा कि मैं अपनी संपत्ति ऐसे ही उनके हवाले नहीं करूंगी तो उन्होंने सताना शुरू कर दिया और यहां तक नौबत आ गई कि भोजन को तरसने लगी, एक कोठरी में डाल दिया गया, जैसे जैसे वक्त बीता घुट-घुट कर जीवन टूटने लगा, एक दिन पता नहीं छोटी बहू ने क्या खिलाया कि मेरी तबियत बिगड़ गई और उसी कोठरी में मैंने दम तोड़ दिया।
 असामायिक मौत के बाद मैं भूत बनी और एक और भूत के साथ यहां तक पहुंच गई, ये भूतिया किला मेरे घर से अच्छा है, यहां नियम-कायदे कानून हैं, इच्छा पूरी हो जाती है, जो चाहे खाओ, इंसानों की बस्ती से यहां के भूत भले हैं। ये भूतनी मुझे बहुत अच्छी लगी, वो बोलती जा रही थी, मैं सुनता जा रहा था, आंखें डबडबाने लगी थी, बेटा..मैं यहां आठ साल से हूं, ये लड़की मेरी देखभाल करती है, मेरे लड़कों से अच्छी है, जिन्हें मैंने जन्म दिया। मैंने बोला, आप तो भूतनी हैं, जाकर अपने लड़कों और बहुओं को सता सकती हैं, कई भूत ऐसा करते हैं, बोली..नहीं आखिरकार मेरे बेटे हैं, मैं उनके जीवन को नहीं दुखाना चाहती।
समझ में आ गया कि मां..मां ही होती है, चाहे उसे मार डाला हो, उसके अपनों ने ही, इसके बाद भी वो उन्हें नहीं सताना चाहती। मेरे लिए तो ये भूतिया किला अच्छा है, जहां सब प्यार से बात करते हैं, किसी को डांटती हूं तो मान जाते हैं, हंसी-मजाक करते हैं..चाहे उनकी पुरानी लाइफ में कितने ही गम रहे हैं, बुजुर्ग भूतनी की बातें सुनकर लगा कि ये तो इंसानों से अच्छे हैं, कम से कम जज्बात हैं, रिश्ते हैं, सम्मान है, इंसानों की हालत तो भूतों से बदतर हो गई है, भूतिया किले में बिखरे सैकड़ों रहस्यों को जानने का उतावलापन लगातार बढ़ता जा रहा है, एक के बाद एक भूतों से मुलाकात, उनकी दर्दनाक कहानियां, भूतों के रहस्य रोमांच, अब तो यहां से जाने का मन नहीं करता, आगे क्या होगा, और कौन मिलेगा..भूतिया किले में क्या और रहस्य सामने आएंगे, कल का इंतजार करिए.........इन्हें भी जरूर पढ़िए....