Monday, September 7, 2015

भूत की कहानी का 68वां दिन( जालिम भूत जाल में कैसे फंसा?)

समाधि के नीचे भूतनी और उसकी बच्ची को तो मुक्ति मिल गई..भूतिया किले में पहुंचने के बाद सरदार ने भूतों की टीम बुलाई और उस भूतनी की मदद से प्रधान के भूत पकड़ने का आदेश दिया। पास का ही गांव था जहां प्रधान का निवास था..उसके आसपास की लोकेशन पर पता लगाने को कहा गया। भूतों की टीम महिला को लेकर उस गांव की ओर रवाना हुए..सबसे पहले उस पेड़ के पास डेरा डाला गया जहां वो महिला कई दिनों तक रही थी और वहीं से रहकर प्रधान से इंतकाम लिया था लेकिन वही प्रधान भूत बनकर उसे फिर डरा रहा था..24 घंटे की मशक्कत के बाद प्रधान का भूत उस पेड़ के पास नजर आया लेकिन जैसे ही उसने देखा कि महिला भूतनी के बजाए पांच बंदर मंडरा रहे हैं...वो वहां से रफूचक्कर हो गया।

अब दूसरी रणनीति बनाई गई..क्योंकि ऐसा लग रहा था कि प्रधान के भूत को कुछ अंदेशा सा हो गया था..इसलिए भूतों की टीम ने उस पेड़ से कुछ देर के लिए दूरी बनाई और रात ढलते ही पेड़ से कुछ दूर दूसरे पेड़ पर चिड़िया बनकर घोंसले में बैठ गए..वो महिला भी साथ थी..महिला को अपने मूल स्वरूप में उसी पेड़ पर छोड़ा गया जहां वो पहले रहती थी..आधी रात हो रही थी..आसमान में बिजली कड़क रही थी..अचानक बौंछारे गिरनी शुरू हुई..महिला पेड़ के नीचे भीग रही थी..
तभी एक काला साया दूर से आता नजर आया..धीरे-धीरे हवा में लहराता हुआ काला साया पेड़ की ओर बढ़ रहा था और जैसे ही उसने अकेली महिला को देखा..वो पेड़ के करीब आ गया...कुछ ही पलों में उसका फिर रूप बदला..और प्रधान के भेष में उस महिला के सामने खड़ा था..उसकी आंखों में अजीब सी चमक थी..चेहरे पर मुस्कान थी और महिला को गिड़गिड़ाते देख उसकी मुस्कराहट और बढ़ती जा रही थी..
तभी अचानक ऊपर से पांच दैत्याकार राक्षस उतरे और ऊपर से बड़ा सा जाल हवा में आया..पता ही नहीं चला..कि कब वो जाल महिला और प्रधान के भूत को अपनी गिरफ्त में जकड़ चुका था...चारों तरफ से घिरे प्रधान के भूत की हालत अब खराब थी..कुछ ही पलों पहले उसके चेहरे पर जो मुस्कान थी..वो गायब हो चुकी थी..और घबराहट फैल चुकी थी..जबकि दैत्याकार राक्षस जोर-जोर से उसके चारों ओर अट्टाहास कर रहे थे..अब महिला के चेहरे पर चमक थी..प्रधान का भूत समझ चुका था कि वो जाल में फंस चुका है और एक नहीं पांच हट्टे-कटटे भूत उसे गिरफ्त में ले चुके हैं...
उसी जाल को में घसीटते हुए रात को भारी बारिश में उसे भूतिया किले पहुंचा दिया गया..कुछ ही देर में भूतों के सरदार के सामने उसकी पेशी हुई..पेशी में क्या हुआ..क्या सजा मिलेगी प्रधान के भूत को...आगे क्या होगा? कल का इंतजार करिए......
.इन्हें भी जरूर पढ़िए..for life-.amitabhshri.blogpot.com  for fun- whatsappup.blogspot.com